मित्रों नमस्कार,
एक उम्मीद दुनिया को बदलकर रख देती है. आप उम्मीद पालते हैं. बांधते हैं. पिता से. परमपिता से. उस उम्मीद के सहारे आप कड़ा परिश्रम करते हैं. पसीना छोड़. हाड़ तोड़. खून-पसीना एक करते हैं. दिन रात एक करते हैं. सुबह नहीं देखते. शाम का पता नहीं रखते. दिल में बस जुनून रहता है. कुछ कर गुजरने का. जमीं आसमान एक करने का. मुट्ठी में सूरज बांधने का. पैरो से दुनिया नापने का. हाथों की लकीरों से आगे निकलने का. किसी को पराजित करने का. किसी से जीत जाने का. मुश्किलों को आसान बनाने का. बस, यही धुन लगी रहती है मुझे आगे बढ़ना है. और इसी बड़ी सी उम्मीद के सहारे हम अपनी पूरी जिंदगी गुजार देते हैं. अंत में मिलता क्या है. छोटी सा शब्द. ख़ुशी. इसी ख़ुशी को हम बड़ा माने तो दुनिया जितने का अहसास होता है और छोटा माने तो सारी विरासत लुटाने का गम. इसलिए छोटी खुशी पाने को बड़ी उम्मीद न पालिए. बस खुश रहिये. हर पल. हर दम. हर वक़्त. फिर चाहे इन्क्रीमेंट कम हो ज्यादा. हर फरमाइश पूरी हो अधूरी रह जाये. कोई आये या जाये. मौसम बदले या हालात. जॉब छूटे या प्रमोशन मिले. ख़ुशी का दामन थामे रखिये.
आपका
लहरी.
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