Monday, March 19, 2018

सब में रब और रब में राम - 1



एक थे 'वेद व्यास जीÓ. महाभारत काल का उन्होंने वर्णन किया था. धर्म ग्रंथों और स्कूली किताबों में भी इस तथ्य की पुष्टि होती है. और आज कलयुग है. त्रेता के राम को एक नए 'वेद व्यास जीÓ ने नए सिरे से गढ़ दिया है. अपने ओजपूर्ण और जज्बाती तेवरों के साथ उन्होंने जो यह गगनभेदी धर्मगान गाया है, वह आखिर क्या है? समझ नहीं आता, वह कहते हैं कि ...

मैं हिंदू जगाने आया हूं, मैं हिंदू जगाकर जाऊंगा 
मरते दम तक अपने मुख से जय श्री राम गाऊंगा 

..तो क्या आज तक हिंदू जागा हुआ नहीं था. क्या अब तक हिंदू कुम्भकर्णी नींद सोया हुआ था. क्या आपके जगाने से ही हिंदू की रगों में खून दौड़ेगा और उनके मुख से 'जयश्रीरामÓ सरीखा नारा निकलेगा.
शायद नहीं. बल्कि बिलकुल नहीं, और मेरी नजर से तो कतई नहीं.
वजह है, वो भी बड़ी. हिंदू कोई कुम्भकर्ण नामक व्यक्ति नहीं है. जो छह महीने सोता है और छह महीने अपने जीवन यापन के लिए जरूरी संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल करता है. बल्कि हिंदू एक विचारधारा है. एक सभ्यता है. जो आत्म शंाति की तरफ ले जाने के लिए अध्यात्म का रास्ता चुनती है और आत्मा का परमात्मा में मिलन कराती है.

अब जिक्र इसी धर्मगान के दूसरे अंतरे का... 

दमक रहीं तलवारें सबकी, चमक रहा त्रिशूल है
हिन्दू को कमजोर न समझे, ये दुश्मन की भूल हैं

...जरा मुझे बताइए कि क्या हिंदुओं ने पहले कभी तलवारें नहीं उठाई हैं. जो अब तलवारें लहराने और उनको चमकाने की बात कही जा रही है. बल्कि जब-जब धर्म की हानि हुई है, हिंदू ही जागा है और उसने आगे बढ़कर धर्म की रक्षा की है. क्या आपके बताने से त्रिशूल और तलवारें चमकेंगी. त्रेता में भगवान श्रीराम धनुष और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र नहीं उठाया था. कलियुग में क्यों हिंदुओं के बलिदानों को भूल जाते हो. मंगल पांडे, भगत सिंह और चंद्रशेखर, आखिर हिंदू ही तो थे. लिहाजा दुश्मन यह भली भांति जानता है कि यह समाज अपने आप में परिपूर्ण सामथ्र्य और वतनपरस्ती रखता है.

अब जिक्र इसी धर्मगान के तीसरे अंतरे का 

सब में रब और रब में राम
मिलकर बोलो जय श्री राम

 यह लाइन गाते वक्त शायद 'व्यास जीÓ भूल गए कि वह खुद ही हिंदु-मुस्लिम के एकजुट होने की बात अप्रत्यक्ष तौर पर कर गए. क्योंकि उन्होंने खुद कहा कि सब में रब, यानी हर एक व्यक्ति में रब समाया हुआ है, फिर क्या हिंदु और क्या मुस्लिम. सिर्फ 'व्यास जीÓ ने ही रब में भेद कर दिया. रब में राम कहकर. उन्होंने रब को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया. जबकि छोटी क्लासों के बच्च्े भी जानते हैं कि जब वह राम और रमजान लिखेंगे तो दोनों के शुरूआती शब्द 'रामÓ ही लिखे जाएंगे. लिहाजा मिलकर 'जयश्रीरामÓ बोला जाए तो मिलकर 'अल्लाह हो अकबरÓ बोलना भी इस देश की तहजीब में आता है.

अब जिक्र इसी धर्मगान के चौथे अंतरे का.. 

मांग रहा हूं वचन राम से, मुझको भारत मात मिले 
हर जनम में हिंदुस्तान मिले, हर जनम में हिंदु नाम मिले

 यह लाइनें तो सचमुच ही लेखक और गायक के सामान्य ज्ञान की क्षीणता को प्रदर्शित करती हैं. क्योंकि राम से वचन मांगते वक्त लोगों ने कभी जनम-जनम का फेर नहीं मांगा, बल्कि सदैव उनकी भक्ति का अनुराग ही मांगा. और दूसरी लाइनों में यह कहना कि 'मुझे भारत मात मिले या हिंदुस्तान मिलेÓ तो आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि हिंदुस्तान कोई सीमाओं से बंधा हुआ स्थान नहीं है. यह बात अलग है कि आज देशों की सीमाओं ने हर देश का नक्शा अलग खींच दिया है, लेकिन आपके ही हिंदु धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि भारत कहां तक फैला हुआ है. भारत कोई जम्मू से कन्या कुमारी और बंगाल से जैसलमेर तक नहीं है, बल्कि पहले आर्यावर्त हुआ करता था, लिहाजा आप दुनिया के किसी भी देश में जन्में आपको हिंदुस्तान मिलेगा. और आज तो लगभग हर देश में एक 'मिनी भारतÓ बसता है. जहां राम-रहीम का नाम संग-संग लिया जाता है. (क्रमश:)

इससे आगे की लाइनों का अर्थ जल्द बताऊंगा...
इसी ब्लॉग पर...


गौरव लहरी

09897935410

5 comments:

  1. Hindu jaag nahi toh tujhe sulane ke liye Tere hi nikkame Hindu Bhai taiyar hai.
    Afghanistan hath se gaya, Pakistan, banglaBang Gaya, aaj desh mein 7state mein minority bana hua hai aur ab bhi secular geet tu ga raha hai.

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  2. दीपचंद्र
    दीपक

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  3. Ha tho pere line ka kuch hijde hindu sote hai tho samaye aane pe tho bholenath ko bhagwan vishnu ko aana hi padta hai so samaye aagya hai jagane ka , dusra talwar uthai hai sabne par Hume lga ki ab talwar ka kaam ni s par ab samne wala talwar hi ni patthar bhi utha rha hai sab utha rha hai unhe dekh k batna hai ki ab talwar bhi uthao 3rd sab me rab ar rab me raam so beta ye jo bolte hai mulle ki rab rab rab iska hindi meaningg tho bhagwan hi hai ar sab me rab hai par mullo k rab me raam hai samjho bolo warna gand na marwao

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